Sunday, May 31, 2020

How to upload Arduino bootloader to a standalone Microcontroller in Hindi ( नए कंट्रोलर में बूटलोडर प्रोग्रामिंग कैसे करें )




How to upload Arduino Bootloader to a stand alone Micro controller in Hindi

नए कंट्रोलर में बूटलोडर प्रोग्रामिंग कैसे करें

आर्डूइनों बोर्ड के साथ जो कंट्रोलर लगा हुआ आता है वह अलग से मिलने वाले कंट्रोलर से भिन्न होता है । आर्डूइनों बोर्ड के साथ आने वाले कंट्रोलर में एक अलग से HEX फ़ाइल डाली गयी होती है जिसके कारण वह आर्डूइनों IDE से आने वाले स्क्रेच को समझता है और उसको अपने हार्डवेयर पर लागू कर देता है । यदि हम बाहर से एक Atmega328P कंट्रोलर को खरीद कर किसी आर्डूइनों बोर्ड में लगाते है तब वह आर्डूइनों IDE से प्रोग्राम नहीं होता है । वह error दिखाना शुरू कर देता है । IDE से आने वाले प्रोग्राम को समझने के लिए कंट्रोलर के पास “bootloader” नाम की फ़ाइल उसमे डाली होने चाहिए । अन्यथा वह आर्डूइनों बोर्ड में लगाने पर न तो कोई प्रोग्राम को पहचान पाता है और न ही वह कोई कार्य को करने में सक्षम हो पता है । सीधे शब्दो में यदि किसी कारण से हमें किसी नए Atmega328P कंट्रोलर को आर्डूइनों बोर्ड से प्रोग्राम करना है तो पहले नए कंट्रोलर में “bootloader” डाला जाना आवश्यक है। किसी नए कंट्रोलर में bootloader डालने को bootloader burning (बरनिंग) कहते है ।

Bootloader डाले जाने के बाद इस कंट्रोलर को आर्डूइनों बोर्ड में लगाकर IDE से प्रोग्राम किया जा सकता है और इसको प्रोग्राम होने के बाद अपने किसी अन्य हार्डवेयर PCB में लगाकर प्रयोग किया जा सकता है । इस सुविधा के कारण हम कम पैसों में अन्य आर्डूइनों बोर्ड के जैसे बोर्ड का निर्माण कर सकते है जो वो सब कार्य कर सकता है जो एक नया आर्डूइनों बोर्ड कर सकता है ।

एक आर्डूनों बोर्ड से नए Atmega328P में bootloader डालने की तीन विधियाँ है इन का विवरण इस प्रकार से है –

1॰  In-Circuit Serial Programming (ICSP) यह विधि bootloader burning की सुविधा प्रदान करती है । इस विधि में आर्डूनों बोर्ड के कंट्रोलर वाले सॉकेट में एक नया कंट्रोलर लगाया जाता है जिसको प्रोग्राम करना होता है । उसके बाद हमें एक नए प्रकार के हार्डवेयर की जरूरत होगी जिसको USBasp कहा जाता है । इसके साथ ही हमे Atmega Studio ( स्टुडियो ) सॉफ्टवेयर के जरूरत होगी तब हम नए कंट्रोलर में bootloader file बर्न कर पायेंगे । यह विधि खर्चीली होने के साथ साथ जटिल भी है । इस विधि में गलती होने की भी संभावना रहती है । इसका प्रयोग प्राय: नहीं किया जाता है । चित्र में आर्डूइनों ICSP साकेट को दिखाया गया है ।


चित्र न॰ 1

2. Arduino ISP प्रोग्राममिंग विधि में एक आर्डूइनों बोर्ड से दूसरे आर्डूइनों बोर्ड में bootloader प्रोग्राम डाला जाता है । चित्र में इस विधि में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर setup को दिखाया गया है ।

चित्र न॰ 2

इस विधि में दो आर्डूइनों बोर्ड की जरूरत होती है , जोकि अपेक्षाकृत महंगा होता है । इस setup को प्रोग्राम आर्डूइनों IDE से ही किया जा सकता है । यह कम जटिल विधि है ।

3. तीसरी विधि सबसे सस्ती और आसान विधि है । इसमे कम समय में ही नए कंट्रोलर में bootloader burn कर दिया जाता है । इस विधि के setup को नीचे चित्र में दिखाया गया है । । इसके लिए बहुत ही साधारण से समान के जरूरत होती है । समान की सूची इस प्रकार से है ।-

22pf ceramic capacitors    2

16 MHz क्रिस्टल           1

10 किलो ओहम  रेसिस्टर     1

जनरल बोर्ड (BreadBoard)  1

कुछ संयोजक तारें 

 

अब हमें आर्डूइनों बोर्ड ( जिससे हम अपने नए Atmega328P कंट्रोलर को प्रोग्राम करने जा रहे है ) को एक प्रकार से AVR प्रोग्रामर बनाना पड़ेगा इसके लिए आर्डूइनों बोर्ड में AVR प्रोग्रामर का code डालना पड़ेगा । इसके लिए नीचे लिखे निर्देश कर्मश: दोहराए –

1. अपने आर्डूइनों बोर्ड यानि ARDUINO UNO को अपने कम्प्यूटर से USB केबल के द्वारा जोड़े ।

2. आर्डूइनों IDE को खोले ।

3. आर्डूइनों IDE में अपने आर्डूइनों बोर्ड का पोर्ट (Port) एवं बोर्ड का प्रकार जाँचें।


चित्र न॰ 4

4. अब अपने आर्डूइनों बोर्ड को AVR प्रोग्राम से तैयार करने के लिए File Menu के Examples option में जाए ।

5. Examples options में से ArduinoISP में ArduinoISP को चुने ।

6. अब अपने arduino UNO बोर्ड में ArduinoISP प्रोग्राम को upload button की सहायता से upload करें । ArduinoISP से प्रोग्राम upload होने पर आपका Arduino बोर्ड AVR Programming के लिए तैयार है । अपने आर्डूइनों UNO बोर्ड को कम्प्यूटर से निकाल लें । 


चित्र न॰ 5

7. अब चित्र न॰ 3 में दिखाये गए setup के अनुसार इन समान को एक बोर्ड ( BreadBoard ) पर अच्छे से व्यवस्थित कर ले । 

8. अपने आर्डूइनों बोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ें । Tools Menu  का सबसे अंतिम option Burn Bootloader पर click करके bootloader को अपने नए कंट्रोलर में प्रोग्राम होने दे ।

9. Programming पूरी होने पर आपका कंट्रोलर अब आर्डूइनों बोर्ड में लगाकर किसी भी स्केच से असानी से प्रोग्राम होने के लिए प्रयोग होने के लिए तैयार है । 


चित्र न॰ 6



चित्र न॰ 7

हमने देखा की एक नए कंट्रोलर को भी आर्डूइनों बोर्ड से आसानी से bootloader डालकर (Burn करने से ) किसी आर्डूइनों बोर्ड में लगाकर प्रोग्राम किया जा सकता है । अब इस कंट्रोलर को अलग से भी किसी PCB (Printed Circuit Board) में लगाकर प्रयोग किया जा सकता है । इसके कारण कम लागत में भी आप आर्डूइनों बोर्ड के जैसी सुविधा पा सकते है ।

चित्र न॰ 8

चित्र न॰ 8 में एक stand alone आर्डूइनों बोर्ड को दिखाया गया है । इसके सारे functions एक Arduino Uno बोर्ड की तरह से ही काम करेंगे।

आर्डूइनों बोर्ड पावर सप्लाई (Arduino Micro controller Power Supply)


Arduino Board पावर सप्लाई

(Arduino Micro controller Power Supply)

 

किसी सर्किट को चलाने के लिए पावर की जरूरत होती है । यदि यह सर्किट इलेक्ट्रॉनिक्स का है तो यह सप्लाई DC यानि दिष्ट धारा होगी । Arduino के लिए 7 वोल्ट्स से लेकर 12 वोल्ट्स तक की पावर सप्लाइ की जरूरत होती है । यह पावर सप्लाई 1 एम्पियर तक की हो तो अच्छा है । आर्डूइनों बोर्ड को दो प्रकार से पावर सप्लाई दी जाती है । एक, जब आप इसको USB Connector के साथ कंप्यूटर से जोड़ते हो तो यह 5 वोल्ट्स सीधे ही कंप्यूटर से ले लेता है , इस विधि से यह 5 वोल्ट्स Direct ही इसके कोंट्रोलर की vcc पिन से जुड़ जाती है । दूसरा, जब आप इसके Power-In connector को पावर पिन DC Jack  से पावर देते हो तो यह बाहरी स्त्रोत से पावर ले सकता है । यह पावर सप्लाई 7 से 12 वोल्ट्स तक हो सकती है । इसके पावर कनैक्टर को दो wires से पावर दी जाती है इसका नीचे चित्र दिखाया है । 

 



 इसके लिए हमें किसी कंप्यूटर की जरूरत नहीं पड़ती । यह विधि विशेषकर तब काम आती है जब आप अपने आर्डूइनों बोर्ड को प्रोग्राम कर लेते हो और यह अब अपना काम करने के लिए तैयार हो जाता है ।

 

आर्डूइनों बोर्ड में पावर कनैक्टर से आने वाली पावर को Regulate (नियमित ) किया जाता है ताकि यह कंट्रोल्लर को ऑपरेट कर सके । इसके लिए 5 वोल्ट्स Regulator IC AMS1117 का प्रयोग किया गया है । यह IC आने वाली वोल्टेज को regulate करती है । साथ ही 47 UF 25 वोल्ट्स के दो कैपेसिटर इस वोल्टेज को फ़िल्टर करते है जिससे इसमे आने वाले रिपपल्स कम हो जाते है , और यह वोल्टेज शुद्ध DC हो जाती है । इसके अलावा आर्डूइनों को अधिक करंट से बचाने के लिए इसमे करंट फ्यूज भी लगा होता है ।

यदि आर्डूइनों बोर्ड को बाहर से पावर देने की जरूरत हो तब इसके लिए साधारण मोबाइल चार्जर के USB पोर्ट से केबल लगाकर भी दी जा सकती है परंतु यदि आर्डूइनों बोर्ड के साथ कोई अन्य सर्किट भी इसके साथ लगा हो तो यह तरीका सही से काम करने में सक्षम नहीं हो पता है । इसका कारण चार्जर की कम पावर रेटिंग हो सकती है । यदि आर्डूइनों बोर्ड के साथ किसी अन्य सर्किट को भी लगाना है तब बाहरी पावर सप्लाई एक अच्छा विकल्प होता है । इस प्रकार की पावर सप्लाई को बनाना बहुत ही सरल होता है ।   

इसके लिए 7 वोल्ट्स से 12 वोल्ट्स एसी ट्रान्स्फ़ोर्मर की जरूरत पड़ेगी जिसका आउटपुट करंट 1 एम्पियर के आस पास हो । एक साधारण AC से DC पावर सप्लाई का चित्र नीचे दिखाया गया है ।


आर्डूइनों बोर्ड में पावर को ON- OFF करने के लिए कोई पावर स्विच नहीं लगा है । यदि आर्डूइनों बोर्ड को बार बार ON-OFF करने की जरूरत पड़ने वाली हो तो अच्छा रहेगा की पावर सप्लाई में एक पावर स्विच लगा ले ताकि बोर्ड को ऑन ऑफ करना सुलभ हो जाए । जब आर्डूइनों बोर्ड को पावर दी जाती है तब बोर्ड में ही एक पावर LED भी स्वत: ही ऑन हो जाता है । 

 

कृपया नोट करें की आर्डूइनों एक माइक्रोकोंट्रोलर आधारित बोर्ड है । शुद्ध dc पावर सप्लाइ इसकी आवश्यकता है । यदि एसी से डीसी बनाने के बाद Arduino बोर्ड को दी जा रही है तब इसको शुद्ध करने के लिए उपयुक्त capacitors लगाना जरूरी हो जाता है , अच्छा रहेगा यदि आप 0.1 uF नंबर का कैपेसिटर लगा ले ।

अब आपकी पावर सप्लाइ आर्डूइनों बोर्ड को चलाने के लिए तैयार है ।

 

 

 

आज का प्रश्न :-

आर्डूइनों बोर्ड में कितने वोल्ट्स के पावर आउटपुट है ?

How many volts power output are available at Arduino Uno Board?

अपने उत्तर हमें Comments में बताए ।



पिछले Blog के प्रश्न का उत्तर

Arduino Uno 7 VDC से 12 VDC तक की पावर सप्लाइ पर आराम से चल जाता है ।

 


Saturday, May 30, 2020

आर्डूइनों माइक्रो कंट्रोलर बोर्ड का परिचय (Introduction to Arduino Boards and its Types in Hindi)




आर्डूइनों माइक्रो कंट्रोलर  बोर्ड का परिचय
( Introduction to Arduino Boards and its Types in Hindi)


आर्डूइनों बोर्ड्स 


आर्डूइनों का नाम आजकल इलेक्ट्रोनिक क्षेत्रों मे बहुत ही प्रषिद्ध हो रहा है । Students से लेकर कई इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य औधयोगिक संस्थान भी आज आर्डूइनों आधारित उपकरणो का प्रयोग कर रहे है । 
आर्डूइनों बोर्ड एक ऐसी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस है जो आपको सरलता से Atmega329P माइक्रोकोंट्रोलर को प्रोग्राम करने मेँ आपकी सहायता करता है। एक माइक्रोकोंट्रोलर किसी एक विशेष काम के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके लिए Microcontroller को कुछ जरूरी components की जरूरत होती है, जैसे एक crystal, कैपेसिटरस, और कुछ जरूरी connections । यह connections प्रोग्राममिंग के समय अलग और माइक्रोकोंट्रोलर में डाले गए प्रोग्राम को चलाने (Run) करने के लिए अलग होते है । यदि आपके पास केवल माइक्रोकोंट्रोलर है और आप उसको प्रोग्राम करना चाहते हो तो आपको उसकी प्रोग्राममिंग की पुरी जानकारी भी होनी चाहिए । आर्डूइनों माइक्रोकोंट्रोलर बोर्ड में इन सब परेशानियों का ध्यान रखा गया है । इसलिए यह सब components और connections को पहले से ही इस बोर्ड में संयोजित किया गया है । यह बोर्ड माइक्रोकोंट्रोलर को प्रोग्राम मोड़ और Run मोड दोनों में बिना कुछ किया ही स्वत: ही डाल देता है। Atmega329P को 8 MHz के Crystal की जरूरत होती है और यह माइक्रोकोंट्रोलर 5 वोल्ट्स पर चलता है । ज्यादा जानकारी के लिए इस माइक्रोकोंट्रोलर के डाटा शीट को देखा जा सकता है। यदि हम इस माइक्रोकोंट्रोलर को आर्डूइनों बोर्ड में ही लगाकर ही प्रयोग करने वाले है तो इसके कुछ pins हमें प्रयोग के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते है, इसका कारण यह है की यह कुछ pins प्रोग्राममिंग के लिए प्रयोग की गयी होती है। कुछ pins को अलग से ही कुछ components से जोड़ा जा चुका होता है। इस कारण से आर्डूइनों बोर्ड और atmega329P डाटा शीट अलग-अलग प्रतीत होते है। परंतु यदि जरूरत हो तो यह माइक्रोकोंट्रोलर प्रोग्राम करने के बाद आर्डूइनों से निकाल कर दूसरे किसी अलग से डिजाइन PCB में भी प्रयोग किया जा सकता है । अपनी इसी सुविधा के कारण ही यह आर्डूनों माइक्रोकोंट्रोलर बोर्ड आजकल प्रचलित हो रहा है।

आर्डूइनों के काफी प्रकार के बोर्ड बाजार में प्रचलित हैं। इनके नाम भी अलग-अलग रखे गए है। कुछ बोर्ड्स के माइक्रोकोंट्रोलर भी अलग-अलग होते है। परंतु सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला माइक्रोकोंट्रोलर Atmega329P ही है। आर्डूइनों के कुछ सबसे ज्यादा प्रचलित बोर्ड्स इस प्रकार से है।

आर्डूइनों यूनो

 


आर्डूइनों मेगा


आर्डूइनों मिनी प्रो

 


आर्डूइनों लिलीपैड

 


आर्डूइनों बीटी

 


आर्डूइनों नैनो

 


आर्डूइनों यून


 

इन सबके आलवा भी अनेकों आर्डूइनों माइक्रोकोंट्रोलर बोर्ड्स बाजार में उपलब्ध हैं । इन सब आर्डूइनों माइक्रोकोंट्रोलर बोर्ड्स का डिजाइन और आकार एक दूसरे से भिन्न है। यह क्षमता में भी एक दूसरे से भिन्न होते है । परंतु इनके प्रयोग और प्रोग्राम करने की विधि एक समान ही है । यदि आप किसी एक बोर्ड को प्रोगाम करना सीख जाते है तब आपके लिए दूसरे बोर्ड्स को प्रयोग करना बहुत ही सरल हो जाता है क्योंकि इनका प्रयोग भी लगभग एक समान ही है। इसको एक ही प्रोग्राममिंग सॉफ्टवेर से  प्रोग्राम किया जा सकता है । प्रोग्राममिंग IDE सॉफ्टवेर बोर्ड को स्वत: ही detect कर लेता है और उसी के अनुसार प्रोग्राममिंग कर देता है।  

एक माइक्रोकोंट्रोलर की प्रोग्राम करने के लिए तीन मुख्य चीजों की जरूरत होती है ।

1 एक माइक्रोकोंट्रोलर

2 प्रोग्राममिंग डिवाइस

3 उपयुक्त प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेर एवं कंप्यूटर 

इस प्रकार का प्रोग्राममिंग setup पहले बहुत प्रचलित थे। इसमे एक प्रोग्राममिंग डिवाइस केवल एक प्रकार के माइक्रोकोंट्रोलर को ही प्रोग्राम कर सकते थे । किसी अन्य प्रकार के माइक्रोकोंट्रोलर के लिए दूसरा प्रोग्राममिंग डिवाइस लगता था । इसी कारण से यह कम पसंद किए जाते थे ।


चित्र॰1

दूसरा यह प्रोग्राममिंग का यह तरीका महंगा भी होता था । क्योकि इसमे अलग-अलग प्रोग्राममिंग डिवाइस खरीदना पड़ता था । इसके साथ ही अलग प्रोग्राममिंग डिवाइस की सेटिंग्स और प्रोग्रामिंग विधि भी एक दूसरे से भिन्न होती थी । जोकि काम को और जटिल बना देती थी । प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेर में भी अनेकों सेटिंग्स करनी पड़ती है जो याद रखनी मुश्किल होती है। एक गलत सेटिंग माइक्रोकंट्रोलर को खराब कर देती थी । इसी कारण से यह विधि ज्यादा रोचक और पसंद नहीं की जाती थी । साथ ही माइक्रोकंट्रोलर को अपने running board से निकाल कर प्रोग्रामिंग बोर्ड में लगाना पड़ता था । यानि बार बार डिवाइस को खोलने की समस्या रहती थी । यदि चित्र न॰1 और 2 को देखने से पता चलता है की दोनों प्रकार के प्रोग्रामिंग वातावरण (environment) में एक चीज़ भिन्न है, वह है प्रोग्रामिंग हार्डवेयर । आर्डूइनों बोर्ड्स में यह हार्डवेयर inbuilt होता है ।


चित्र ॰2

वही दूसरी विधि में प्रोग्रामिंग हार्डवेयर कम होने के कारण यह विधि सस्ती हो गयी। साथ ही माइक्रोकंट्रोलर को अपने running बोर्ड से निकले की जरूरत नहीं रह गयी । आप यदि चाहे तो माइक्रोकंट्रोलर को अपने running board में ही प्रोग्राम कर सकते है । आर्डूईनो माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्रामिंग पूरी होते ही स्वत: ही रीसेट होकर अपने  Running Mode में आ जाता है और प्रोग्राम किए गए निर्देशों के अनुसार काम करना शुरू हो जाता है ।अपने इसी गुण के कारण माइक्रोकंट्रोलर को निकालने की जरूरत नहीं रहती है । हम आगे आर्डूईनो IDE के बारे में जानेगें ।


आज का प्रशन :-

आर्डूइनों बोर्ड उनो कितने वोल्ट्स पर काम करता है ?

What is the input voltage for Arduino Uno Microcontroller Board ?

अपने उत्तर हमें coments में बताए.।


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